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Parts of Speech – English Grammar का सरल परिचय

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  Parts of Speech – English Grammar का सरल परिचय 📘 English Grammar Series – भाग 1 ✨ Parts of Speech – परिचय (Introduction in Hindi): 🔀🔀🔀 📌 पोस्ट का उद्देश्य (Objective): इस ब्लॉग पोस्ट का उद्देश्य है — "English Grammar को बिल्कुल सरल हिंदी में समझाना।" यह पोस्ट विशेष रूप से उन विद्यार्थियों के लिए है जो स्कूल (Class 6–12) या प्रतियोगी परीक्षाओं (SSC, CTET, UP Police, Army, आदि) की तैयारी कर रहे हैं। 🔀🔀🔀 📖 Parts of Speech क्या होता है? 🧠 Definition: English Grammar में किसी भी शब्द (word) को उसके कार्य (function) के आधार पर अलग-अलग वर्गों में बाँटा जाता है, इन्हीं वर्गों को Parts of Speech कहा जाता है। 👀 आसान भाषा में कहें तो – "शब्दों को उनके काम के आधार पर अलग-अलग भागों में बाँटना ही Parts of Speech है।" 🔀🔀🔀 🔢 Total कितने Parts of Speech होते हैं? English में कुल 8 Parts of Speech होते हैं: क्रम नाम (Name) हिंदी में मतलब 1️⃣ Noun संज्ञा 2️⃣ Pronoun सर्वनाम 3️⃣ Verb क्रिया 4️⃣ Adjective विशेषण 5️⃣ Adverb क्रिया विशेषण 6️⃣ P...

श्रीमद्भगवद्गीता का समापन – अब आगे क्या?

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  श्रीमद्भगवद्गीता का समापन – अब आगे क्या? 📖 "श्रीमद्भगवद्गीता: समापन और आत्म चिंतन" 🔰 परिचय (Intro): जय श्रीकृष्ण 🙏 एक लंबे, आध्यात्मिक और सार्थक सफर के बाद, हमने श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्यायों का गहराई से अध्ययन पूरा किया। यह श्रृंखला सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ का अनुवाद नहीं, बल्कि आत्मा का जागरण, कर्म का बोध और भक्ति का अमृत थी। यह पोस्ट इस यात्रा का समर्पण और समापन है — आपके चरणों में। 🏵️🌀🏵️ 🌿 यह श्रृंखला क्यों शुरू की गई थी? हमारे जीवन में द्वंद्व, मोह, भय और असमंजस उतने ही गहरे हैं जितना अर्जुन के भीतर युद्धभूमि में था। गीता बताती है — 👉 कैसे कर्तव्य को समझें, 👉 कैसे मन को नियंत्रित करें, 👉 और कैसे ईश्वर में पूर्ण समर्पण से शांति प्राप्त करें। 🏵️🌀🏵️ 🔍 आपने इस श्रृंखला में क्या पाया? ✅ हर अध्याय के श्लोकों का शुद्ध हिंदी अनुवाद ✅ हर श्लोक की सरल और आज के जीवन से जुड़ी व्याख्या ✅ अध्यात्मिक, मानसिक और व्यवहारिक प्रेरणा के सूत्र ✅ कर्म, भक्ति, ज्ञान और ध्यान के गूढ़ रहस्य 🏵️🌀🏵️ 💬 पाठकों के लिए संदेश: “गीता सिर्फ पढ़ने की नहीं, जीने की पुस्तक है।” इस श्रृंखल...

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 18 – मोक्ष-संन्यास योग (हिंदी में अनुवाद और व्याख्या सहित)

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  श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 18 – मोक्ष-संन्यास योग (हिंदी में अनुवाद और व्याख्या सहित) 📖 🔰 आरंभ में 4 पंक्तियों का परिचय (Intro Lines): श्रीमद्भगवद्गीता का अठारहवाँ अध्याय "मोक्ष-संन्यास योग" कहलाता है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण कर्म, त्याग, संन्यास और भक्ति के अंतिम रहस्य प्रकट करते हैं। अर्जुन का मोह समाप्त होता है और वह कर्तव्य पथ पर अग्रसर होता है। आइए पढ़ते हैं सम्पूर्ण श्लोकों का हिंदी अनुवाद एवं सरल व्याख्या। 📖 श्रीमद्भगवद्गीता – अध्याय 18 ✨ "मोक्ष-संन्यास योग" 🕉️ श्लोक 1 से 78 | अनुवाद और व्याख्या सहित 🍁🌺🍁 🧘‍♂️ श्लोक 1 अर्जुन उवाच संन्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम् | त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन || 📚 हिंदी अनुवाद: हे महाबाहु! हे केशिनिषूदन! मैं संन्यास और त्याग के तत्त्व को भलीभाँति जानना चाहता हूँ। 🧠 सरल व्याख्या: अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण से पूछते हैं कि "संन्यास" और "त्याग" – इन दोनों शब्दों का सच्चा अर्थ क्या है? कृपया इनका भेद स्पष्ट कीजिए। 🍁🌺🍁 🧘‍♂️ श्लोक 2 श्रीभगवानुवाच काम्यानां कर्मणां न्यासं संन्यासं कवयो वि...

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 17 – श्रद्धा के तीन प्रकार | श्रद्धात्रयविभाग योग

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  श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 17 – श्रद्धा के तीन प्रकार | श्रद्धात्रयविभाग योग 📖 श्रीमद्भगवद्गीता – अध्याय 17 श्रद्धात्रयविभाग योग – “श्रद्धा के तीन प्रकार” 📌 Shlok 1–28 with Hindi Meaning and Easy Explanation 🔶 📚 परिचय ( Intro ): 🙏 श्रीमद्भगवद्गीता का 17वां अध्याय “श्रद्धात्रयविभाग योग” है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि श्रद्धा कैसी हो सकती है – सात्त्विक, राजसिक या तामसिक। भोजन, दान, यज्ञ, और तप के गुण भी श्रद्धा के अनुसार बदलते हैं। यह अध्याय जीवन की दिशा तय करने वाली श्रद्धा का गहरा ज्ञान देता है। 🍁🌺🍁 🕉️ श्लोक 1 अर्जुन उवाच — ये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः। तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः।।1।। 🔶 हिंदी अनुवाद: हे कृष्ण! जो लोग शास्त्र-विधि को त्यागकर श्रद्धा से युक्त होकर पूजा करते हैं, उनकी श्रद्धा का स्वरूप क्या है? क्या वह सत्त्वगुण से युक्त है, रजोगुण से या तमोगुण से? 🔷 सरल व्याख्या: अर्जुन पूछते हैं कि जो लोग धर्मग्रंथों की बताई विधि न मानकर भी पूरी श्रद्धा से पूजा करते हैं, उनकी यह श्रद्धा किस गुण की होती है – सत्त्व (शुद्ध), रजस (...